करले जो विश्वास तेरे पे, वो कभी भी जग से हारा नहीं। करले जो विश्वास तेरे पे, वो कभी भी जग से हारा नहीं।
कहि आणखी मन की बातें उठती हैं चाय के प्याले से गर्म भाप की उष्मीय आत्मीयता के साथ कहि आणखी मन की बातें उठती हैं चाय के प्याले से गर्म भाप की उष्मीय आत्मीयता...
साथ उसका अब भी अपना सा लगता है मुझे साथ उसका अब भी अपना सा लगता है मुझे
ईश्वर रचित कोई कविता सुन्दर सुरों से सुसज्जित राग है जीवन। ईश्वर रचित कोई कविता सुन्दर सुरों से सुसज्जित राग है जीवन।
थोड़ा मुस्कराए, थोड़ा घबराएं, थोड़ा सहमे - सहमे नजर आए हम। थोड़ा मुस्कराए, थोड़ा घबराएं, थोड़ा सहमे - सहमे नजर आए हम।
ठहाके से मधुर मुस्कान का सफर एक उन्मुक्त हंसी था और एक बोझिल हंसी है। ठहाके से मधुर मुस्कान का सफर एक उन्मुक्त हंसी था और एक बोझिल हंसी है।